Thursday, February 10, 2011

एक डायरी के अधूरे पन्ने - 3

यूँ बिन बताये चले ना जाया करो,
तुम्हारी आस में वक़्त का पता नहीं रहता..
तुमने कहा था इस बार आओगे तो कुछ surprise दोगे..
अब तो कैलेंडर भी ख़त्म हो गया.