Friday, July 24, 2009

जिंदा हूँ..

कोई नहीं, कोई भी नहीं जो बतलाये,
कितनी देर उजालों की राह देखें
कोई नहीं, है कोई भी नहीं
ना पास ना दूर..
एक यार है दिल की धड़कन
अपनी चाहत का जो ऐलान किये जाती है
ज़िन्दगी है जो जिए जाती है
खून के घूँट पिए जाती है
ख्वाब काँटों से सिये जाती है..

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