इस आखरी जश्न में
एक ज़िन्दगी और जी लेते हैं ..
शायद आखरी रात है ...
बस आज और पी लेते हैं ..
कुछ लम्हे रह जायेंगे
खुरदुरी सी यादों के ..
और टुकड़े बच जायेंगे
सपनों की बातों के ..
वो आस बस रहेगी ..
और दिल फिर कहेगा ..
वो बात कुछ और थी..
ये बात कुछ और है..
वो शाम कुछ और थी ..
ये शाम कुछ और है..
Tuesday, September 09, 2008
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